Reflections
Thursday, July 11, 2013
Music Sponsered by Him
मौन
अव्यक्त संगीत है
,
सुन!
संगीत निरंतर
चल
रहा
है
,
थोडा
मौन
है
,
कुछ
कैद
है -स्मृतियों
में बसा
है
-कौन
सुन
रहा है
?
सुनने
का
सुख
तो
नश्वर
है.
जो कुछ तुम
बोलना
चाहते
हो
वह
बोला
जा
चुका
है
-अतः
मौन रहना ही
बेहतर
है.
1 comment:
यदाकदा
July 14, 2013 at 9:14 PM
अब इस पर क्या प्रतिक्रिया दूं--------सुरेश
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