· विवशताएँ असुविधाओं पर हावी रहती हैं.
· विश्वास सदैव स्वतंत्रता की बलि ले लेता है
· चिकने घड़े पर पानी टिकना भी नहीं चाहिए!
· तुम शब्दों के उच्चारण में डूबे हो, और मैं शब्दों के अर्थों में, भला मेरी बात तुम्हें कैसे समझ आएगी ?
· तुम्हे पैसा प्यारा है और मुझे मनुष्य की अच्छाइयां - हमारी तो रस्साकशी भी नहीं हो सकती!
· जो राहों पर ही नहीं चलते उनकी राह देखना व्यर्थ है.
· हम अपनी दिशाएं कब खोजेंगे?
· काश हम पेट की भूख मिटाने की तरह दिमाग की भूख मिटाने के लिए तत्पर रहते!
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