Sunday, January 13, 2013

Some Thoughts

·         विवशताएँ असुविधाओं पर हावी रहती हैं.

·         विश्वास सदैव स्वतंत्रता की बलि ले लेता है

·         चिकने घड़े पर पानी टिकना भी नहीं चाहिए!

·         तुम शब्दों के उच्चारण में डूबे हो, और मैं शब्दों के अर्थों में, भला मेरी बात तुम्हें कैसे समझ आएगी ?

·         तुम्हे पैसा प्यारा है और मुझे मनुष्य की अच्छाइयां - हमारी तो रस्साकशी भी नहीं हो सकती!

·         जो राहों पर ही नहीं चलते उनकी राह देखना व्यर्थ है. 
·         हम अपनी दिशाएं कब खोजेंगे

·         काश हम पेट की भूख मिटाने की तरह दिमाग की भूख मिटाने के लिए तत्पर रहते!