बारिश का पानी... बहता हुआ.. कलकल करता हुआ ... नन्ही नरम दूब पर से गुजरते हुए.
प्रसन्न आल्हादित शीतल स्वच्छ जल में दूब को जो अनुभूति होती है निरंतरता की.. परिपूर्णता की म्रदुल स्पर्श की.... प्रेम की ...आशीर्वाद की
- मुझे भी महसूस हो!